The smart Trick of Shodashi That No One is Discussing
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।
आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
Her variety is claimed to be the most wonderful in many of the a few worlds, a beauty that's not basically Bodily and also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is commonly depicted as a resplendent sixteen-year-previous Lady, symbolizing Everlasting youth and vigor.
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
The Tale is actually a cautionary tale of the power of need plus the necessity to produce discrimination through meditation and adhering to the dharma, as we progress inside our spiritual path.
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः
Cultural events like people dances, songs performances, and plays will also be integral, serving as a medium to impart classic tales and values, especially to your young generations.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की more info प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।